Criminals का लेखा जोखा रखने के लिए अपना सिविल इंटिलिजेंस तैयार कर रही पुलिस
पुलिस पहले बदमाशों के जरिये इलाके के बदमाशों के बारे में जानने की कोशिश करती थी। वह पैसा खर्च कर इलाके में शांति के लिए मुखबिर पालती थी। कई बार बदमाश अपनी निजी दुश्मनी भी पुलिस के जरिये ही निकाल लेते थे। अब समय बदला और मुखबिरों की संख्या भी खत्म होने लगी।
शहर और गांव में पुलिस तैयार कर रही सिविल इंटेलिजेंस
संभ्रांत लोगों को शहर में डिजिटल वालंटियर और गांव में सी प्लान एप से जोड़ा जा रहा
महीने में एक बार इनके पास फोन कर पुलिस लेगी हाल-चाल, जानेगी इलाके के हालात
बीट सिपाही से लेकर डीजीपी तक रहेगा उनका डेटा और मोबाइल नम्बर, कोई कर सकेगा बात
सिपाही से बात करने में परेशानी होने पर अफसर से बात करने का रहेगा उनके पास आप्शन
पुलिस ने समय के साथ अब बदमाशों को छोड़कर संभ्रांतों के जरिये सिविल इंटेलिजेंस का प्लान तैयार किया है। वह अब इलाके के शरीफ और प्रभावशाली लोगों की एक डेटा बेस तैयार कर रही है। महीने में इनसे एक बार कोई न कोई पुलिसवाला बात करेगा और उनसे इलाके बदमाशों और उनकी गतिविधियों के बारे में पूछेगा। इनका डेटावेस तैयार होगा जो इलाके के सिपाही से लगायत डीजीपी तक के पास रहेगा। जरूरत पड़ने पर डीजीपी भी बात कर सकेंगे।
दरअसल, पुलिस ने समाज में अपनी छवि बेहतर बनाने और बदमाशों व अराजक तत्वों पर नजर रखने के लिए यह सी प्लान तैयार किया है। प्लान के तहत बीट के सिपाहियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह पहले संभ्रांत लोगों का डेटा जुटाकर फीड कराए और फिर रोज अपने बीट के 10 सम्भ्रांत लोगों को कॉल करेगा। एक व्यक्ति से महीने में सिर्फ एक बार बात होगी। यह प्लान इसलिए भी तैयार हुआ है ताकि समाज में पुलिस का मेलजोल बढ़े, अराजक तत्वों पर कार्यवाही हो सके।
इस प्लान में शामिल सिपाहियों को कॉल करने से पहले कुछ खास हिदायतें दी गई हैं जिसमें सबसे पहली और अहम यह है कि वह नम्रता के पेश आएगा। भरोसा दिलाएगा और फिर पूछेगा कि आपके आसपास कोई झगड़ा तो नहीं हुआ है। कोई ऐसा शख्स जिसपर अपराध में लिप्त होने का संदेह हो या फिर कोई अराजक तत्व जोकि पुलिस की नज़रों से बचा हो। खुराफात करने वालों के बारे में भी सिपाही को सूचना दी जा सकती है। यह भी हिदायत है कि सूचना देने वाले का नाम किसी भी सूरत में लीक नहीं होना चाहिए।
ये है पुलिस का सी-प्लान
बीट के सिपाही अपने इलाके के संभ्रांत लोगों की सूची तैयार कर उनसे सम्पर्क करेंगे उनका मोबाइल नम्बर सहित अन्य डिटेल जुटाने के बाद सी प्लान एप से उसे जोड़ देंगे उसके बाद यह डेटा सिपाही से लेकर डीजीपी तक पहुंच जाएगा। महीने में एक बार उनसे बात होगी।